"मंदिरों का शहर कहा जाता है कासगंज, स्थानीय लोगों का मानना है कि कासगंज में जो भी जीतता है वहीं लखनऊ में बनाता हैं सरकार"
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कासगंज (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। कासगंज को मंदिरों का शहर कहा जाता है। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि कासगंज में जो भी जीतता है वहीं लखनऊ में सरकार बनाता है। वैसे जानकर हैरानी होगी की ये निर्वाचन क्षेत्र कभी भी किसी राजनीतिक दल का गढ़ नहीं रहा है। बहुजन समाज पार्टी ने 2007 में कासगंज सीट जीती थी और तब पार्टी ने राज्य में सरकार बनाई थी। 2007 में बसपा के हसरत उल्लाह शेरवानी ने सीट जीती थी। समाजवादी पार्टी ने 2012 में इस सीट पर कब्जा किया था। सपा भी राज्य में सत्ता में आई थी। बसपा के शेरवानी 2012 में सपा के मनपाल सिंह से हार गए थे। 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई तो पार्टी के उम्मीदवार देवेंद्र सिंह राजपूत ने सपा के मनपाल सिंह के खिलाफ 49,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। 2017 में बीजेपी के देवेंद्र सिंह राजपूत ने अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी के हसरत उल्लाह शेरवानी को हराने के लिए 1,01,908 वोट हासिल किए थे। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी के अजय चतुर्वेदी को 37,818 वोट मिले। 2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में यहां 59.56 प्रतिशत मतदान हुआ था।
कासगंज शहर और कासगंज जिले का जिला मुख्यालय ब्रज क्षेत्र में स्थित है। मुगल और ब्रिटिश काल में ब्रज को खासगंज के नाम से जाना जाता था। इस बार कासगंज सीट पर चुनावी टक्कर की बात करें तो इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में कासगंज सीट से प्रमुख किसान नेता कुलदीप पांडे की टक्कर भाजपा के मौजूदा विधायक देवेंद्र सिंह राजपूत से है। कुलदीप पांडे कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ते नजर आएंगे। सपा से पूर्व विधायक मनपाल सिंह को टिकट मिला है, जबकि पार्टी कार्यकर्ता प्रभुदयाल वर्मा को बसपा ने टिकट दिया है। कासगंज सीट के इतिहास के बारें मे बात करें तो उत्तर प्रदेश में 1977 के चुनावों के बाद से, कासगंज निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने चार बार और समाजवादी पार्टी ने दो बार जीत हासिल की। कासगंज में 715 गांव, 10 नगर निगम हैं। पिछली जनगणना के अनुसार, जनसंख्या 14,36,719 है और साक्षरता दर 61 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी को शुरू हुए। राज्य विधानसभा के लिए बाकी छह चरणों में 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होना है, जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
रिपोर्ट- कासगंज डेस्क