"कौन सी है वह सीट और क्या है झगड़ा, 2017 में बसपा छोड़ने की भी यही थी वजह, सपा ने अगर ऊंचाहार से उत्कृष्ट को दिया टिकट तो मचेगा बवाल, दोनों को साधने की कोशिश में जुटी सपा"
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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी में ओबीसी समुदाय के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को योगी कैबिनेट से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। उन्होंने मंत्री पद छोड़ने के ऐलान के साथ ही बीजेपी सरकार की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की। कुछ ही देर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर यह भी ऐलान कर दिया कि स्वामी का 'प्रसाद' अब उनकी ही पार्टी को मिलेगा। हालांकि, बीजेपी तुरंत डैमेज कंट्रोल मोड में आई तो पहले खुद स्वामी और फिर उनकी बेटी ने साफ किया कि मौर्य अभी किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि स्वामी ने आखिर यह कदम क्यों उठाया। स्वामी ने भले ही यह कहा कि वह सरकार के कामकाज से असंतुष्ट होकर इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन झगड़े की असली वजह यूपी की एक विधानसभा सीट है। यूपी की सिसायत में लंबी पारी खेल चुके स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी की बदायूं से सांसद हैं। पांच बार के विधायक मौर्य लंबे समय से अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य का राजनीतिक करियर बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसी प्रयास के तहत वह पहले बसपा और फिर भाजपा के टिकट पर बेटे को रायबरेली की ऊंचाहार सीट से लड़वा चुके हैं। लेकिन दोनों ही बार उत्कृष्ट चुनाव हार गए। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि एक बार फिर स्वामी इसी सीट से बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे थे।
लेकिन भारतीय जनता पार्टी उन पर दांव लगाने को तैयार नहीं थी, जिस तरह मौर्य ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में बागी रुख अपनाया है ठीक उसी तरह 5 साल पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से नाता तोड़ लिया था। उस समय बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मौर्य को पार्टी से निकाले जाने का दावा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह अपने बेटा-बेटी को टिकट देने के लिए दबाव बना रहे थे। मायावती ने यह भी कहा था कि पार्टी नेताओं के कहने पर उन्होंने 2012 में मौर्य के बेटे को ऊंचाहार से टिकट दिया था, लेकिन जीत नहीं पाए। लेकिन एक बार फिर वह टिकट मांग रहे थे। स्वामी प्रसाद मौर्य यदि सपा में जाएंगे और बेटे के लिए ऊंचाहार सीट की मांग करते हैं तो सपा में भी बगावत तय है। असल में ऊंचाहर से सपा के ही मनोज पांडेय ने दो बार उत्कृष्ट को हराया है। ऐसे में यदि सपा ऊंचाहार सीट स्वामी के बेटे को देती है तो मनोज पांडेय बगावत कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी की नजर पहले से ही मनोज पर है। बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य और मनोज पांडेय को एक साथ साधने की कोशिश के तहत एक दूसरी रणनीति पर काम कर रही है। समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद से कहा है कि वह बेटे उत्कृष्ट को किसी और सीट से चुनाव लड़ा लें। चर्चा है कि सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे के लिए फाफामऊ सीट ऑफर की है।
रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क