"उत्तर प्रदेश में ई-श्रमिक कार्ड की रजिस्ट्रेशन की संख्या लगभग 8 करोड़, यूपी से हैं तो चेक कर ले अपना बैंक अकाउंट"
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नई दिल्ली (ब्यूरो)। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 22 करोड़ के पार पहुंच गई है। यह आंकड़े 14 दिसंबर के सुबह तक के हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन का है। अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आई कि यहाँ संख्या 8 करोड़ के करीब पहुंच गई। अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने मज़दूरों के खातों में 1000-1000 रुपये डाला था। यूपी सरकार ने 1000-1000 रुपये की जो रकम श्रमिकों के खातों में भेजी है, वह दिसंबर-जनवरी की हैं। अभी यूपी में चुनाव आचार संहिता लगी है। ऐसे में अगली सरकार चाहे जिसकी बने, बाकी के 1000-1000 रुपये 10 मार्च के बाद ही आएंगे।अगर आप यूपी से हैं तो अपना बैंक अकाउंट जरूर चेक करें। अगर आप यें काम करते है जैसे रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर या मंदिर के पुजारी हैं, या फिर कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्रवासी श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगार, कृषि श्रमिक या दूसरे कोई भी कामगार हैं।
अगर ईएसआईसी या ईपीएफओ के सदस्य नहीं हैं और ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं तो अपना अकाउंट जरूर चेक कीजिए। अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो आप जैसे 1.50 करोड़ श्रमिकों के खातों में योगी सरकार ने 1000-1000 रुपये भेज दिया है। अगर पूरे देश में जातिगत आधार पर देखें तो ई-श्रमिक कार्ड पाने वालों में ओबीसी 45.61 फीसद, सामान्य वर्ग के कामगार 25.71 फीसद, एससी 21.72 फीसद और एसटी 6.96 फीसद हैं। महिलाओं की बात करें तो सबसे ज्यादा 52.79 फीसद महिलाओं ने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, पुरुषों का प्रतिशत 47.21 है। इनमें से सबसे ज्यादा पंजीकरण कृषि से जुड़े कामगारों की है। खेती-किसानी से जुड़े 11.13 करोड़ लोगों को ई-श्रमिक कार्ड मिल चुका है। वहीं दूसरे नंबर पर 2.39 करोड़ श्रमिक घरेलू और घरेलू कामगार से आते हैं। इसके बाद 2.3 करोड़ श्रमिक निमार्ण कार्य वाले हैं। ई- श्रमिक कार्ड को हर दुकान का नौकर, सेल्समैन, हेल्पर, ऑटो चालक, ड्राइवर।
पंचर बनाने वाला, चरवाहा, डेयरी वाले, सभी पशुपालक, पेपर का हॉकर, जोमैटो स्विगी के डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय, कूरियर वाले, नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, घर का नौकर व नौकरानी, काम वाली बाई, खाना बनाने वाली बाई, सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी, बढ़ई, प्लम्बर, बिजली वाला इलेक्ट्रीशियन, पोताई वाला पेंटर, टाइल्स वाला, वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर, मनरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर, फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ती बनाने वाले, मछुवारा, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेला में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला वेंडर, चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर व वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क
मेरे खाते में ई श्रमर्काड का पैसा नही आया है
ReplyDeleteतो इस के लिए क्या करे
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