"सिकन्दरपुर मे इस बार समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने निवर्तमान विधायक संजय यादव पर ही दोबारा खेला हैं बड़ा दांव"
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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। सूबे में विधानसभा चुनाव- 2022 के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने का क्रम जारी है। प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद एक तरफ विभिन्न पार्टियों में टिकट व दावेदारी को लेकर चल रहें तमाम कयासों का दौर तो खत्म हो गया। वहीं अब दूसरी तरफ चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सियासी व जातीय समीकरणों को साधने में जुट गए हैं। आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित बलिया जनपद अंतर्गत 359- सिकन्दरपुर विधानसभा की। ये क्षेत्र गुलाब के उत्पादन और इत्र की खुशबू के लिए प्रसिद्ध है। कभी इस इलाके की बड़ी आबादी का जीवन गुलाब की खेती पर निर्भर था लेकिन समय के साथ सरकारों की उदासीनता के कारण फूलों की खुशबू का दायरा दिनों-दिन बेहद छोटा होता चला गया। सिकन्दरपुर को गुलाब की नगरी भी कहा जाता है। सिकन्दरपुर इत्र कारोबार के लिए पूरी दुनिया में अपनी पहचान रखता है। यहां का इत्र विदेशों तक अपनी खुशबू बिखेरता रहा है। अब ये काम यहां छोटे पैमाने पर हो रहा है। विदेशों में निर्यात कम होने के कारण यहां का कारोबार धीमा पड़ गया।
कुछ बड़े और पुराने कारोबारी ही अब इस काम को करते हैं। फूलों व खुशबू की नगरी कहे जाने वाले 359 विधानसभा क्षेत्र सिकन्दरपुर मे इस बार समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने निवर्तमान विधायक संजय यादव पर ही दोबारा बड़ा दांव खेला है। अब इस विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि इस सीट से लगातार दो बार विधायक नहीं बन पाया है। ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय यादव 2022 विधानसभा का चुनाव जीत जाते हैं, तो यह एक नई उपलब्धि भी संजय यादव के नाम दर्ज हो जाएगी तथा इस विधानसभा क्षेत्र के लिए एक नया इतिहास भी बनेगा। इस चुनावी मैदान में अब यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि सपा व भाजपा की सीधी टक्कर में भाजपा प्रत्याशी संजय यादव एक नया रिकॉर्ड व एक नया इतिहास लिख पाते हैं कि नहीं। सिकन्दरपुर विधानसभा सीट के राजनीतिक अतीत की बात करें तो सन् 1991 में कांग्रेस के मार्कंडेय सिंह विधायक निर्वाचित हुए थे।
सन् 1993 के चुनावों में समाजवादी पार्टी के दीनानाथ चौधरी चुनाव जीते। सन् 1996 के चुनावों में राजधारी सिंह और 2002 के चुनावों में सपा के मो० जियाउद्दीन रिजवी विधायक निर्वाचित हुए। सन् 2007 के चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के भगवान पाठक विधायक निर्वाचित हुए। सन् 2012 के चुनावों में सपा के मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी फिर से विधानसभा पहुंचे। सिकन्दरपुर विधानसभा सीट के सामाजिक व जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां लगभग हर जाति वर्ग के मतदाता निवास करतें हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता बहुत ही अच्छी तादाद में हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ ही सवर्ण मतदाता भी सिकन्दरपुर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में अपनी अहम व निर्णायक भूमिका निभाता हैं। दलित मतदाताओं की तादाद भी यहां अच्छी खासी है। सितंबर 2021 की मतदाता सूची के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में करीब तीन लाख मतदाता हैं। सिकन्दरपुर विधानसभा सीट से सन् 2017 मे मिले जनादेश की बात करें तो उस विधानसभा चुनाव में सपा से उस समय के निवर्तमान विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी चुनावी मैदान में थे।
मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी के सामने भारतीय जनता पार्टी ने संजय यादव और बहुजन समाज पार्टी ने राजनारायण को टिकट दिया था। बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे संजय यादव चुनावी बाजी जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थें। संजय यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी को 24 हजार से अधिक वोटों के भारी अंतर से हरा दिया था। निवर्तमान विधायक व फूलों की नगरी के सिकन्दर कहें जानें वालें संजय यादव के बीतें पांच सालों की प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो बीजेपी विधायक संजय यादव का दावा है, कि उनके विधायक रहते सिकन्दरपुर क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है। आम जनता के हितों मे निरंतर विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यों को प्रमुखता से किया गया है। कभी भी ईर्ष्या, द्वेष व बदलें की भावना से प्रेरित कोई भी काम या राजनीति नहीं किया। विधायक और उनके समर्थक तो सड़क व बिजली समेत विभिन्न विकास कार्य गिना रहे हैं। वहीं, विरोधी दलों के नेता क्षेत्र में सभी तरह के विकास कार्य ठप होने का संगीन आरोप भी लगा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेताओं का आरोप है, कि मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी के विधायक रहते कई प्रमुख विकास कार्य शुरू हुए जो अब बिलकुल ही ठप पड़ गए हैं।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता