"भागवत कथा का समापन सातवें दिन 20 नवंबर शनिवार को हुआ संपन्न, यज्ञ कथा के समापन पर रविवार को विशाल भंडारे का हुआ आयोजन"
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रैकवार डीह ( मऊ, उत्तर प्रदेश)। स्थानीय ग्रामसभा पाण्डेय परिवार के तत्वाधान में यजमान सरस्वती देवी के संयोजकत्व में 14 नवंबर से प्रारंभ संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन सातवें दिन 20 नवंबर शनिवार को संपन्न हुआ। सातवें दिन कथा में भगवान के दिव्य विवाहों का वर्णन करते हुए कृष्ण - सुदामा चरित्र के माध्यम से भागवत आचार्य बाल व्यास शिवम कृष्ण महाराज जी ने कहा कि मित्रता धन देख कर के नहीं की जाती है। मित्रता तो एक ऐसा परम पवित्र रिश्ता होता है जो प्रत्येक परिस्थिति में मनुष्य का साथ देती है। "पिवत भागवतं रसमालयं" भागवत रूपी रस तब तक पीओ जब तक मोह का क्षय (मोक्ष) न हो जाय। कथा के अंत में व्यास जी ने कहा इस कलिकाल में भव से पार लगाने वाला एकमात्र साधन भगवन नाम संकीर्तन है। इस अवसर पर आचार्य सुभाष पाण्डेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच समस्त पूजन कार्य विधि विधान से संपन्न किया। संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा के समापन पर रविवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
सभी स्थानीय व क्षेत्रीय लोगो ने प्रसाद ग्रहण कर भरपूर आनंद लिया। इस संगीतमय भागवत कथा में आर्गन पर देवेंद्र उपाध्याय, हारमोनियम महेंद्र नाथ पाण्डेय, तबला रानू वर्मा ने अपने वाद्य यंत्रों से साथ दिया। "दूर नगरी बड़ी दूर नगरी" इस भजन पर श्रोता जन मंत्रमुग्ध हो झूम उठे तथा भरपूर आनंद लिया। इस अवसर पर अखिलेश पाण्डेय, डॉ सत्येंद्र पाण्डेय, सेवा निवृत्त आर्मी बृजेश पाण्डेय, भूतपूर्व सैनिक राजेश पाण्डेय, हरि नारायण पाण्डेय, डॉ० विपिन बिहारी उपाध्याय, राघव उपाध्याय, अमित कुमार शुक्ला, शोभ नाथ दुबे, लोकेश्वर पाण्डेय, इंजीनियर निलेश्वर पाण्डेय, आनंद तिवारी, महेंद्र तिवारी, वर्षा तिवारी, इंजीनियर अंजली पाण्डेय, फार्मासिस्ट अंशिका पाण्डेय, रंभा पाण्डेय, मिथिलेश पाण्डेय, सरिता पाण्डेय, उषा पाण्डेय, आदि सहित सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष श्रोता जन मौजूद रहे।
रिपोर्ट- मऊ ब्यूरो ए० एल० यादव "समदर्शी"