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यूपी: इस बिटिया नें अपनी शादी व पिता की इज्जत बचाने के लिए इस सिटी मजिस्ट्रेट से लगाई यें गुहार, मात्र पांच घंटे मे पिता के खाते में लेकर आई बीस लाख रुपए

"एक ओर जहां अधिकारी छोटे छोटे कामों के लिए महीनों नहीं लगाते हैं सालों का वक्त, वहीं उन्नाव सिटी मजिस्ट्रेट ने एक बेटी की गुहार को सिर्फ सुना ही नहीं बल्कि मात्र पांच घंटे के अंदर उसकी दूर कर दी समस्या"

खबरें आजतक Live

उन्नाव (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी के उन्नाव में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक ओर जहां अधिकारी छोटे छोटे कामों के लिए लोगों को महीनों नहीं सालों टहलाते हैं। वहीं उन्नाव सिटी मजिस्ट्रेट ने एक बेटी की गुहार को सिर्फ सुना ही नहीं बल्कि मात्र पांच घंटे के अंदर उस बेटी की समस्या भी दूर कर दी। आइए पढ़ें खबरें आजतक Live की यें स्पेशल रिपोर्ट। बेटी की शादी के लिए पिता धन की कमी से परेशान थें। उम्मीद थी कि गंगा एक्सप्रेस के लिए अधिग्रहीत की गई उनकी जमीन का पैसा मिलेगा और बेटी की शादी वो धूम-धाम से करेंगे, लेकिन शादी के दो दिन पहले तक भूमि अधिग्रहण का पैसा नहीं मिला तो पिता की बेचैनी बढ़ गई। पिता की बेचैनी देख बेटी ने तत्काल सिटी मजिस्ट्रेट को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर अपनी शादी की दुहाई देते हुए भूमि अधिग्रहण की राशि दिलवाने की गुहार सिटी मजिस्ट्रेट से लगाई। बिटिया के मैसेज से सरकारी सिस्टम इस कदर पिघल गया और इस मामले मे रफ्तार ऐसी दिखाई कि पांच घंटे में ही मुआवजे के 20 लाख रुपये बिटिया के पिता के खाते में पहुंचा दिए। तय समय में बिटिया की शादी खूब धूमधाम से हुई।  प्राप्त जानकारी के अनुसार बीघापुर तहसील के सलेथू गांव के मूल निवासी दिनेश तिवारी शुक्लागंज गंगानगर पोनी रोड में रहते हैं।

कानपुर में एक कपड़े की दुकान में नौकरी करते हैं। दिनेश की सलेथू गांव में पैतृक दो बीघा खेतिहर भूमि थी। यह जमीन गंगा एक्सप्रेसवे में चली गई। दिनेश ने 25 मई को भूमि की रजिस्ट्री कर दी थी। इसी बीच उन्होंने अपनी बड़ी बेटी आरती की 17 जून को कानपुर में शादी तय कर दी। उम्मीद थी शादी से पहले जमीन का मुआवजा मिल जाएगा। लेकिन कागजी जांच पड़ताल में समय लगने के कारण 15 जून तक दिनेश के खाते में पैसा नहीं पहुंचा। पैसा न मिलने से दिनेश परेशान हो गए। पिता की परेशानी देख बेटी आरती ने 15 जून की सुबह दस बजे सिटी मजिस्ट्रेट चंदन कुमार पटेल को व्हाट्सएप मैसेज कर अपनी व्यथा को बताई। लिखा कि मुआवजा न मिलने से मेहमानों का सत्कार, आभूषण व अन्य सामान की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। शादी टलने की नौबत आ गई है तथा उसके पिता की इज्जत दांव पर लगी है। इसकी रक्षा करना अब उनके हाथ में ही है। सिटी मजिस्ट्रेट ने तुरंत सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कराईं और उसी दिन दोपहर तीन बजे पिता के खाते में 20 लाख ट्रांसफर करा दिए। इसके बाद आरती ने फिर सिटी मजिस्ट्रेट को मैसेज किया। इसमें उसने पैसा पहुंचने की जानकारी देकर शादी बचाने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को धन्यवाद व आभार ज्ञापित किया।

रिपोर्ट- उन्नाव डेस्क

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