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नई दिल्ली: कांग्रेस के इस युवा व दिग्गज नेता ने थामा भाजपा का दामन, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को साधने की कोशिश

"भाजपा पार्टी के मिशन यूपी 2022 की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है जितिन प्रसाद का भाजपा में शामिल होना, ब्राह्मण नेता हैं जितिन प्रसाद, उनको पाले में लाकर भाजपा ब्राह्मणों में संदेश देना चाहती है कि भाजपा हैं उनके साथ"

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नई दिल्ली (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले लंबे वक्त से अंदरुनी कलह झेल रही कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने को पार्टी के मिशन यूपी 2022 की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। कई लोगों का मानना है कि जितिन प्रसाद ब्राह्मण नेता हैं और उनको पाले में लाकर भाजपा ब्राह्मणों में संदेश देना चाहती है कि पार्टी उनके साथ है। भाजपा सांसद और प्रवक्ता अनिल बलूनी ने बुधवार यानी आज सुबह एक ट्वीट किया था कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में आज कोई बड़ी हस्ती पार्टी में शामिल होगी। इसके बाद से ही कयासबाजी शुरू हो गई थी। कांग्रेस के कई दिग्गज पार्टी आलाकमान से नाराज हैं। इसलिए गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, सचिन पायलट और जितिन प्रसाद के नाम पर कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि, इन नेताओं में सबसे अधिक चर्चा में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की ही हो रही थी।

राहुल के करीबी नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा यूपी सरकार में उनके पास मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी थी। जितिन प्रसाद का नाम उन युवा नेताओं में शुमार रहा है, जो राहुल गांधी के करीबी हैं। इससे पहले राहुल के ही सबसे करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा भेजा था। कांग्रेस नेतृत्व पर लगातार सवाल उठाने वालों में जितिन भी शामिल रहें हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था। उत्तर प्रदेश में इसको लेकर कुछ नेताओं ने उनका विरोध भी किया था। जितिन प्रसाद लंबे समय से ब्राह्मण समाज के हक में आवाज उठाते रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था। यही वजह थी कि जब जितिन ने ब्रह्म चेतना सवांद कार्यक्रम की घोषणा की तो पार्टी ने इससे किनारा कर लिया। कई नेताओं ने यह तक कहा कि वह उनका अपना निजी मसला है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क

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