Left Post

Type Here to Get Search Results !

सीबीआई को इस आईपीएस अधिकारी के रूप मे मिला नया बॉस, लंबी जद्दोजहद के बाद हुआ यें फैसला, नए बॉस का दो साल का होगा कार्यकाल

"सोमवार शाम करीब 7.30 बजे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सुबोध जयसवाल के नाम पर जताई सहमती, सुबोध जयसवाल के नाम को प्रस्तावित कर भेज दिया कैबिनेट कमेटी ऑन अपॉइंटमेंट के सामने"

खबरें आजतक Live

नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्र सरकार ने लंबी जद्दोजहद के बाद महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी सुबोध जायसवाल को सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त कर दिया। मंगलवार देर शाम जारी किए गए आदेश में सुबोध जायसवाल को अगले दो साल के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है। साफ-सुथरी छवि वाले सुबोध जायसवाल फिलहाल सीआईएसएफ के डीजी हैं। वर्तमान में जायसवाल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक हैं। गौरतलब है कि सीबीआई के अपर निदेशक और गुजरात कैडर के आईपीएस प्रवीण सिन्हा इन दिनों सीबीआई का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। पिछले साल फरवरी में तब के सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और डिप्टी चीफ राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद से ये पद खाली चल रहा है। नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर सोमवार को शाम 6.30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास पर बैठक हुई थी। बैठक में समिति के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे। बैठक के दौरान 1985 बैच के सुबोध जायसवाल समेत वीएस कौमुदी और कुमार राजेश चंद्रा के नाम पर भी चर्चा हुई। सोमवार शाम करीब 7.30 बजे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सुबोध जयसवाल के नाम पर सहमति जताई और सुबोध जयसवाल के नाम को प्रस्तावित कर कैबिनेट कमेटी ऑन अपॉइंटमेंट के सामने भेज दिया। 

जिसके बाद मंगलवार देर शाम सुबोध जयसवाल के नाम का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। जारी किए गए नियुक्ति पत्र के अनुसार सुबोध जायसवाल का कार्यकाल पद संभालने की तिथि से दो वर्ष तक का होगा। आईपीएस अधिकारी जायसवाल सीबीआई निदेशक के पद के लिए चुने गए लोगों में सबसे वरिष्ठ थे। वर्तमान में सीआईएसएफ के प्रमुख जायसवाल इस साल की शुरुआत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने से पहले मुंबई पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के डीजीपी थे। महाराष्ट्र में तैनात रहते हुए, जायसवाल ने कुख्यात तेलगी घोटाले की जांच की थी, जिसे बाद में सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया था। उस समय जायसवाल राज्य रिजर्व पुलिस बल का नेतृत्व कर रहे थे। बाद में वह महाराष्ट्र एटीएस में शामिल हो गए, और लगभग एक दशक तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में काम करते रहे। वह देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में राज्य में लौट आए और जून 2018 में उन्हें मुंबई का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। बाद में वह महाराष्ट्र के डीजीपी बने। बता दें कि एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने से पहले यह जायसवाल की देखरेख में ही था। उन्हें 2009 में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।

रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
image image image image image image image

Image   Image   Image   Image  

--- Top Headlines ---