"यहीं हुआ था दो ब्रिटिश नागरिकों का अपहरण, ईयू ने व्यक्त किया शोक, 52 लाख लोग हैं विस्थापित, 2017 में किंशासा में पदस्थ हुए थे राजदूत लुका अतानासियो"
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कांगों (मध्य आफ्रीका)। मध्य अफ्रीकी देश कांगो में सोमवार को यूएन के खाद्यान्न कार्यक्रम से जुड़े एक दल पर विद्रोहियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें कांगो में पदस्थ इटली के राजदूत, एक इतालवी पुलिस अधिकारी एवं उनके वाहन चालक की मौत हो गई। घटना उस वक्त हुई जब वे कांगो के उस इलाके की यात्रा कर रहे थे, जो अनेक विद्रोही समूहों का गढ़ है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने बयान में कहा कि जब काफिला कांगो के पूर्वी क्षेत्र की राजधानी गोमा से रुतशुरू में विश्व खाद्य कार्यक्रम स्कूल भोजन परियोजना के लिए जा रहा था तभी घात लगाकर हमला किया गया। डब्ल्यूएफपी ने बताया कि हमले में वर्ष 2017 से कांगो में इतालवी राजदूत की जिम्मेदारी संभाल रहे लुका अतानासियो, इतालवी पुलिस अधिकारी विट्टोरियो इयाकोवाक्की और उनका चालक मारे गए, जबकि काफिले के दो अन्य घायल हुए हैं। इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मैतरेल्ला और प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
इटली के विदेश मंत्री लुइगी दी माइयो ने भरोसा दिया है कि हत्या के जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जाएगा। उन्होंने बयान में कहा, इस नृशंस हमले की परिस्थितियां अब भी अस्पष्ट हैं और इसके कारणों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जानकारी के मुताबिक लुका अतानासियो सितंबर 2017 में किंशासा में बतौर राजदूत कार्यभार संभालने से पहले स्विटजरलैंड, मोरोक्को एवं नाइजीरिया में राजनयिक की जिम्मेदारी निभा चुके थे। अतानासियो को अक्टूबर 2020 में दक्षिण इटली के एक चर्च में आयोजित समारोह में नस्सीरिया अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। न्यारंगोंगो क्षेत्र के स्थानीय नागरिक समाज समूह के अध्यक्ष माम्बो कावे ने बताया कि 'थ्री एंटेन्ना' नाम से चर्चित इसी इलाके से वर्ष 2018 में अज्ञात हथियार बंद लोगों ने दो ब्रिटिश नागरिकों का अपहरण किया था। यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख जोसफ बोर्रेल ने सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को घटना की जानकारी उस समय दी जब वह ब्रसेल्स में एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इटली एवं संयुक्त राष्ट्र के प्रति शोक व्यक्त किया।
ईयू आयोग की प्रवक्ता नबीला मस्स्राली ने कहा कि यह खबर बहुत ही चिंताजनक है और हम ईयू प्रतिनिधिमंडल के जरिये हालात पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि, उन्होंने घटना में हताहतों की जानकारी नहीं दी। विद्रोहियों का गढ़ है कांगो उल्लेखनीय है कि कांगो अनगिनत विद्रोही समूहों का गढ़ है और सभी खनिज संपन्न इलाके पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। पिछले साल इस इलाके में सशस्त्र समूहों के हमले में 2000 से अधिक नागरिक मारे गए थे जबकि लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस विस्थापन को सबसे खराब मानवीय संकट करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के मुताबिक इस मध्य अफ्रीकी देश में 52 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। आकार में पश्चिमी यूरोप के बराबर और संसाधन संपन्न कांगों में दशकों तक भ्रष्ट तानाशाही रही है। इसके साथ ही कई गृहयुद्ध भी हुए और बाद में कई पड़ोसी देशों से भी विवाद हुआ। संयुक्त राष्ट्र के 16 हजार सैनिक तैनात संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत शांति स्थापित करने और सुरक्षा कार्य कांगो प्रशासन को सौंपने के लिए वहां 16 हजार सैनिक तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि कांगो को वर्ष 1960 में आजादी मिली थी और तब से पहली बार जनवरी 2019 में लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता परिवर्तन हुआ था और फेलिक्स त्शिसेकेडी राष्ट्रपति बने थे।
रिपोर्ट- इंटरनेशनल डेस्क