"कथित गैंगरेप और मौत के मामले की जांच मिलने के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को दर्ज किया एक केस, इन सवालों के जवाब तलाशने की होगी चुनौती"
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लखनऊ (ब्यूरो) उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुए कथित गैंगरेप और मौत के मामले की जांच मिलने के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को एक केस दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद शनिवार को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की थी। सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या और सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि शनिवार को हाथरस कांड की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली थी। इस मामले में यूपी सरकार ने 3 अक्तूबर को सीबीआई से जांच कराए जाने का फैसला किया था। चार अक्तूबर को सरकार ने इसके लिए डीओपीटी को निर्धारित प्रारूप में सिफारिश भेजी थी। शनिवार को डीओपीटी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। 14 सिंतबर को चार युवकों ने कथित रूप से 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
सीबीआई को इन सवालों के जवाब तलाशने की कड़ी चुनौती होगी। 14 सितंबर को खेत में लड़की को किसने मारा?, लड़की ने पहले दिन वाले बयान में अपने साथ कथित बलात्कार की बात क्यों नहीं की?, पीड़िता ने आखिरी बयान में बलात्कार की बात की लेकिन मेडिकल रिपोर्ट इसके विपरीत क्यों है?, 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद आनन-फानन में रात के अंधेरे में उसकी लाश क्यों जला दी गई? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिसके जवाब सीबीआई को इस केस से ढूंढ़ने होंगे। सीबीआई को एसआईटी की अब तक की पड़ताल से मदद भी मिलेगी। लेकिन एक बड़ा पेच ये भी है कि पीड़िता के परिवार को सीबीआई जांच पर भरोसा ही नहीं है। पीड़ित परिवार बार-बार कह रहा है कि उन्हें सिर्फ न्यायिक जांच पर ही भरोसा है।
हाथरस केस में घूंघट वाली भाभी की एंट्री भी चर्चा का विषय बना हुआ हैं। हाथरस में कथित गैंगरेप प्रकरण में रोज नए खुलासों के बीच शनिवार को संदग्धि नक्सल भाभी की एंट्री ने पुलिस-प्रशासन के पसीने छुड़ा दिए हैं। बीती चार से छह अक्तूबर के बीच पीड़िता के घर पर ही महिला की मौजूदगी को लेकर जहां सवाल उठ रहे हैं, वहीं परिजनों ने उसे अपनी दूर की रिश्तेदार बताया। बीती चार अक्तूबर तक पीड़िता के घर यह संदग्धि महिला मौजूद रही। इन तीन दिनों में इस महिला ने परिजनों से ज्यादा बढ़-चढ़कर आने-जाने वाले लोगों और मीडिया के सामने न्याय, कानून, संविधान आदि तर्कों के आधार पर अपनी बात रखी। साथ में यह भी स्पष्ट किया कि उसका इस घर के लोगों से कोई खून का रिश्ता नहीं है, लेकिन वह न्याय मिलने तक साथ खड़ी रहेगी। इस महिला की बेबाकी और वाकपटुता देख घर आने-जाने वाले नेता-सामाजिक संगठन के लोग भी चुप हो जाते थे। मीडिया से भी यही महिला अपने अंदाज में बात करती नजर आती थी, लेकिन छह अक्तूबर के बाद महिला घर पर नजर नहीं आती है।
वहीं पीड़िता की भाभी ने घूंघट वाली भाभी को दूर की रिश्तेदार बताया हैं। पीड़िता की भाभी ने बताया कि जिस महिला के बारे में बात की जा रही है वह उनकी दूर की रिश्तेदार हैं। उस महिला का नाम भी उन्होने बताते हुए कहा कि वह शादीशुदा है। दस साल का एक बेटा भी है। जबलपुर में वह जॉब करती हैं। घर में मौत होने पर वह यहां आई। मौत की खबर सुनकर लोग- रिश्तेदार मुम्बई, अहमदाबाद भोपाल से आ रहे हैं, क्या आने वाले लोगों को मना कर दिया जाएगा। क्या उन्हें ऐसा घोषित किया जाएगा। सवाल पूछने पर गुस्साईं घर की युवतियां बोलीं हमारे सारे रिश्तेदार अब आतंकवादी ही लगेंगे।
रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क