"आगरा के फतेहाबाद तहसील के एक लेखपाल को एंटी करप्शन की टीम ने पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा रंगे हाथ, लेखपाल के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा"
![]() |
खबरें आजतक Live |
आगरा (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश) आगरा के फतेहाबाद तहसील में उस समय हड़कंप मच गया, जब एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। लेखपाल के भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शुक्रवार को लेखपाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ये मामला आगरा के फतेहाबाद तहसील का है। जहां गुरूवार को लेखपाल (पटवारी) प्रदीप कुमार कौलारा कलां के गांव में एंटी करप्शन की टीम ने 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। एंटी करप्शन की टीम ने नगला हरे गांव के निवासी किसान चन्द्रमोहन की शिकायत के बाद ये कार्रवाई की।
दरअसल, चन्द्रमोहन को अपने खेत का बंटवारा करवाना था। जिसके लिए उसे तहसील से रिपोर्ट लगवानी थी। किसान चन्द्रमोहन ने इसके लिए तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया था। तहसीलदार ने कौलोरा क्षेत्र देख रहे लेखपाल (पटवारी) प्रदीप कुमार को कार्रवाई के लिए प्रार्थना दे दिया। जिसके बाद लेखपाल ने किसान से रिपोर्ट लगाने के बदले 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। लेखपाल ने किसान से कहा कि रुपए मिलने पर ही वो रिपोर्ट लगाएगा।
जिसके बाद किसान चन्द्रमोहन ने एंटी करप्शन में शिकायत कर दी। एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर जसपाल पंवार को कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया। जिसके बाद लेखपाल को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एंटी करप्शन ने जाल बिछाया। एंटी करप्शन की टीम ने किसान से कहा कि वो लेखपाल (पटवारी) को रिश्वत लेने के लिए फोन करके बुला ले। जिसके बाद किसान ने लेखपाल को फोन किया। जिसके बाद लेखपाल किसान चन्द्रमोहन से रिश्वत लेने कौलोरा कलां के भारतीय स्टेट बैंक लेने आया। लेखपाल ने जैसे ही किसान से पांच हजार रुपए लिए। एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल (पटवारी) को रंगे हाथ पकड़ लिया।
रिपोर्ट- आगरा डेस्क