नई दिल्ली (ब्यूरों) कोरोना वायरस महामारी को अभी तक दुनिया के वैज्ञानिक समझने में नाकामयाब ही साबित हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने अपने शोध के आधार पर दावा किया था कि वायरस से सिर्फ 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की ही मौत होती है। लेकिन मंगलवार को एक 13 वर्षीय बच्चे की मौत ने वैज्ञानिकों के सारें दावों की पोल खोल दी है। ये तर्क कि कोरोना वायरस बच्चों पर जानलेवा हमला नहीं करता अब झूठ साबित होने लगा है। कोरोना वायरस अब बच्चों पर भी हमला करने लगा हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इंग्लैंड में मंगलवार को एक 13 साल के बच्चे की कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दर्दनाक मौत हो गई है।
माता-पिता का कहना है कि बच्चे को पहले से कोई बीमारी या संक्रमण नहीं था। इससे कुछ ही दिन पहले ही अमेरिका में कुछ महीनों के मासूम नवजात की मौत कोरोना वायरस संक्रमित होने से हुई है। हाल ही में इस वायरस की वजह से बैल्जियम में भी एक 12 वर्षीय लड़की की मौत हो चुकी है। जबकि इस घटनाक्रम पर वैज्ञानिक हैरान हो रहें हैं। अभी तक दुनिया के तमाम वैज्ञानिक दावा करते आए हैं कि कोरोना वायरस बच्चों की जान नहीं लेता है।
वायरस से बच्चों के मरने की संभावना मात्र 2 फीसदी से भी कम बताया जाता रहा है। लेकिन मौजूदा नए मामले खुद वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है। अब तक विभिन्न रिसर्च में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस उन्हीं लोगों की जान ले रहा है जो या तो 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं या फिर पहले से ही किसी बीमारी से संक्रमित हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लगभग 8.60 लाख लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं अब तक कोरोना वायरस के हमले में 42,354 लोगों की मौत हो चुकी है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क