नई दिल्ली (ब्यूरों) दिल्ली की सड़कों पर करीब सात साल पहले निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है। तमाम कानूनी अड़चनों के बाद अब फांसी का रास्ता साफ हुआ और दिल्ली की तिहाड़ जेल में शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे फांसी दी गई। तिहाड़ के बाहर सुरक्षा कड़ी करते हुए भारी संख्या में अद्धसैनिक बल के जवानों को भी तैनात किया गया था। फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल के कई अधिकारी इस समय फांसी घर के पास पहुंचे थें, जिनकी निगरानी में फांसी की प्रक्रिया हुई। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया। इसके अलावा उसने फूट फूट रोना शुरू कर दिया और अपनी गलतियों के लिये माफी मांगने लगा।
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दोषियों को फांसी दिए जाने से पहले यहां तिहाड़ जेल के बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। दिल्ली के स्थानीय लोग, कुछ एक्टिविस्ट फांसी के वक्त से ही जेल के बाहर खड़े हैं और 20 मार्च के इस दिन को निर्भया के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि बता रहे हैं। फांसी से पहले सुबह 4 बजे चारों दोषियों को उठाया गया और नहाने के बाद उन्हें नए कपड़े पहनने के लिए कहा गया। इसके बाद दोषियों को जेल प्रशासन की ओर से चारों दोषियों को चाय-नाश्ता भी पूछा गया, हालांकि किसी ने नाश्ता नहीं किया। इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा भी पूछी गई। गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया के दोषियों द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था। इसमें फांसी की तारीख को आगे बढ़ाने की बात कही थी। इस फैसले के खिलाफ निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन रात को करीब 3.30 बजे सुप्रीमकोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क
फाँसी तो हो गयी लेकिन बहुत देर के बाद ऐसे लोगों को तुरंत सजा दे देना चाहिए
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