सिकंदरपुर (बलिया) शुक्रवार की सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर के इमरजेंसी वार्ड में तैनात और शराब के नशे में धुत डॉ अंशुल कुमार दुबे के द्वारा एक महिला के इलाज के दौरान हुई मौत के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया एस पी राय सिकंदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली,
बताते चलें कि शराबी डॉक्टर अंशुल निशांत दुबे का स्थानांतरण सिकंदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 10 मई 2018 को हो चुका था इसके बावजूद भी वह इस हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे थे चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार तिवारी से जब इस बाबत जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि सीएमओ के मौखिक आदेश के बाद ही अंशुल निशांत दुबे को यहां पर रखा गया था, जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी एसपी राय के यहां पहुंचने के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब मुख्य चिकित्साधिकारी एस पी राय ने कहा कि मैंने कोई मौखिक आदेश नहीं दिया है बल्कि मैंने चिकित्सा अधीक्षक सिकन्दरपुर अजय कुमार तिवारी को यह आदेश दिया था कि डॉ अंशुल निशांत दुबे को उनकी नई तैनाती की जगह पर भेजा जाए उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण पर मेरी निगाह है और इस बारे में पूरी जांच की जाएगी जांच में दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी इससे कोई समझौता नहीं होगा। इस दौरान इमरजेंसी रजिस्टर पर डॉ अंशुल निशांत दुबे द्वारा कई मरीजों को रेफर किया गया था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा अधीक्षक के बीच चलता रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर-
आखिर जिस डॉक्टर का विगत कई माह पहले स्थानांतरण हो चुका है वह डॉक्टर अभी भी इस हॉस्पिटल में मरीजों को कैसे देख रहा है इस बारे में चिकित्सा अधीक्षक अजय कुमार तिवारी ने कहा कि सीएमओ के मौखिक आदेश पर इन्हें यहां पर रखा गया है जबकि सीएमओ के सिकंदरपुर हॉस्पिटल पहुंचने के बाद जब सीएमओ एसपी राय से इस बारे में सवाल जवाब किया गया तो उन्होंने इस बात को पूरी तरह से इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि मैंने कोई मौखिक आदेश नहीं दिया है बल्कि मैंने यह आदेश दिया था कि इनको नई जगह पर तैनाती के लिए भेजा जाए, इस प्रकरण पर मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।