सिकंदरपुर (बलिया) 21 सितंबर। स्थानीय सीएचसी में नशे की हालत में डॉक्टर ने लिखी मरीज को दवा। दवा देने के तत्काल बाद मरीज की मौत। शिकायत पर डॉक्टर मारपीट पर उतरा। उभांव थाना क्षेत्र के चंदाडीह (बुढावर) निवासी दीपक मिश्रा पुत्र स्वर्गीय नर्मदेश्वर मिश्रा की माता प्रेमा मिश्रा की तबीयत सुबह लगभग 6:00 बजे खराब हो गई। तबीयत खराब होने पर दीपक ने अपनी मां को इलाज हेतु 6:30 बजे सिकंदर पुर सीएचसी लेकर आए। जहां पर इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉ अंशुल निशांत दुबे नशे की हालत में थे। जब दीपक अपनी मां के इलाज के लिए उनसे कहा तो गाली-गलौज देने लगे और कहे कि सुबह-सुबह ही तुम लोग आ जाते हो। इस पर वहां मौजूद अन्य कर्मचारी के कहने पर डॉ अंशुल निशांत दुबे ने दवा पर्ची पर लिख दिया। जब वह दवा और इंजेक्शन दीपक लाकर डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कर्मचारियों से इंजेक्शन लगाने को कहा। इंजेक्शन लगाते ही उनकी मां की तबीयत और बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने तुरंत डॉक्टर अंशुल निशांत दुबे को बताया। इस पर नशे की हालत में खार खाए अंशुल निशांत दुबे ने उन को मारने के लिए दौड़ा लिया और भद्दी भद्दी गाली देने लगे। यह हो ही रहा था कि दीपक की मां की मौत हो गई। अपनी मां की मौत से दीपक कुछ समझ नहीं पा रहा था बाद में पहुंचे लोगों ने जब चिकित्साधिकारी अजय कुमार तिवारी से बात किया। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार तिवारी ने बताया है कि सीएमओ के मौखिक आदेश पर ही डॉ अंशुल निशांत दुबे को यहां रखा गया है।
बताते चलें कि डॉ अंशुल निशांत दुबे का विगत 6 माह पहले सिकंदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से स्थानांतरण हो चुका था अब सवाल ये उठता है कि जिस डॉक्टर का स्थानांतरण यहां से हो चुका है वह पुनः इस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कैसे कर रहा है? जब इस बारे में सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। इस संबंध में उपजिलाधिकारी सिकंदरपुर राजेश कुमार यादव ने बताया कि पहले भी उस चिकित्सक की शिकायत मिली थी जिसकी जांच मेरे द्वारा की गई थी और जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई थी जिलाधिकारी के आदेश के बाद उक्त चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई भी हुई थी लेकिन अगर कार्रवाई के बाद बिना किसी आदेश के अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी लिए जाने का मामला संज्ञान में नहीं है जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।