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बलिया जिले के इस सीएचसी में प्रसव के नाम पर हो रही जमकर वसूली, इस महिला चिकित्सक पर संगीन आरोप, इन तीन घटनाओं से बढ़ा आक्रोश

"प्रसव के पूर्व ही सीएचसी के बाहर एक विशिष्ट दुकान से मंगाया जाता है दवा, फिर प्रसव कराने की प्रक्रिया होती है शुरू, उधर महिला चिकित्सक के कार्य प्रणाली को लेकर मरीजों सहित कर्मचारियों में भी हैं रोष व्याप्त"

खबरें आजतक Live

सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। कहने को सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त प्रसव की व्यवस्था है। पर यह सब महज कागजी है। हकीकत में सरकारी अस्पतालों की स्थित इसके ठीक उलट है। यहां आने वाली प्रसूता का तब तक प्रसव नही कराया जाता, जब तक डाक्टर दवा के नाम मोटी रकम का इंतजाम नहीं कर लेती। यह मैं नही अपितु सीएचसी सिकन्दरपुर पर तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पुत्र कह रहा है। आरोप है की प्रसव के पूर्व ही बाहर एक विशिष्ट दुकान से दवा मंगाया जाता है, फिर प्रसव कराने की प्रक्रिया शुरू होती है। उधर महिला चिकित्सक के कार्य प्रणाली को लेकर मरीजों सहित कर्मचारियों में भी रोष व्याप्त है। ज्ञात हो कि सीएचसी सिकन्दरपुर पर तैनात एक कर्मचारी की पुत्र बधू को मंगलवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर परिजन हॉस्पिटल ले गए, जहां की महिला चिकित्सक ने करीब पांच हजार की दवा लिख कर बाहर से ले आने को कहा। परिजन जब हॉस्पिटल की दवा के बारे में पूछे तो बताया गया कि प्रसव के लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। मरता क्या नही करता परिजन जब बाहर की दवा लाकर दिए तो उसका प्रसव कराया गया। उधर चेतन किशोर निवासी नसीम अहमद अपनी पत्नी शबनम खातून को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की रात करीब नौ बजे लेकर सीएचसी पहुंचे।

मौके पर मौजूद नर्स ने नॉर्मल डिलीवरी की बात कह कर भर्ती कर लिया और इसकी सूचना महिला चिकित्सक को दे दी। पर बुधवार सुबह तक डॉक्टर मरीज तक नही पहुंची। परिजनों ने जब डॉक्टर से संपर्क साधा तो ऑपरेशन कराने की बात कह कर दवा की लंबी लिस्ट पकड़ा दी गई। जिसे आठ हजार रुपए में खरीदा गया। हालांकि बाद में परिजन शबनम को लेकर किसी निजी हॉस्पिटल में चले गए जहां चिकित्सक ने सामान्य प्रसव करा दिया। महिला चिकित्सक के इस कार्य व्यवहार से आमलोगों में काफी आक्रोश है। तीन दिन पूर्व भी यहां पर ऐसा हुआ था। सोमवार को क्षेत्र की चेतन किशोर निवासी एक महिला के परिजनों को प्रसव कराने के आठ हजार की दवाएं बाहर से लाने की बात कही गई थी। गरीब परिवार था, लिहाजा उसका पति गांव के एक संभ्रांत व्यक्ति रंजीत राय को अपनी पीड़ा बताते हुए सहयोग मांगा। रंजीत राय ने तत्क्षण महिला चिकित्सक के डॉक्टर पति (जो सीएचसी सिकन्दरपुर में ही तैनात हैं) को फोन लगा कर बाहर से दवा मंगाने का राज पूछ लिया। डॉक्टर ने बताया कि टांके में जो धागा प्रयोग किया जाता है। वह निम्न स्तरीय है।

बाद में कोई दिक्कत न हो इसलिए बाहर से मांगना पड़ता है। इस पर दूसरे पक्ष ने सवाल दागा कि क्या धागे की कीमत आठ हजार है तो उनकी बोलती बंद हो गई। हालांकि बाद में चिकित्सक ने पता करने और कुछ अन्य दवाओं के न होने का हवाला दिया, लेकिन सीएमओ से इसकी व्यक्तिगत रूप से डिमांड करने की बात जब रंजीत राय ने की तो एक बार फिर वे चुप्पी साध लिए। आए दिन इस सीएचसी पर ऐसा ही होता रहता है। यह तो नजीर भर है। यहां प्रतिदिन दर्जनों मरीज आते हैं और उनके तीमारदारों से किसी न किसी बहाने जमकर वसूली की जाती है। एक रुपए का पर्चा बनवाकर पहले तो मरीज यही समझता है कि उसका इलाज यहां मुफ्त में होगा, लेकिन जब डाक्टर से भेंट होती है तो पता चलता है कि यहां तो आपरेशन कराने के लिए अच्छी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं इस सीएचसी पर मेडिकल स्टोर संचालक भी बड़ें पैमाने पर हावी हैं। लोगों का आरोप है कि सीएचसी के कुछ डॉक्टरों की सेटिंग अस्पताल गेट के बाहर संचालित मेडिकल स्टोर संचालकों से है। मेडिकल स्टोर के दलाल बड़ी संख्या में अस्पताल परिसर में घूमते रहते हैं। ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक दलालों का कब्जा है। डाक्टर और दलालों की युगलबंदी मरीजों का कमर तोड़ रही है। पर हैरत यह कि यह सब जानते हुए भी अस्पताल प्रशासन या उच्चाधिकारी कुछ भी नही करते।

रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो डेस्क

बलिया जिले के इस सीएचसी में प्रसव के नाम पर हो रही जमकर वसूली, इस महिला चिकित्सक पर संगीन आरोप, इन तीन घटनाओं से बढ़ा आक्रोश बलिया जिले के इस सीएचसी में प्रसव के नाम पर हो रही जमकर वसूली, इस महिला चिकित्सक पर संगीन आरोप, इन तीन घटनाओं से बढ़ा आक्रोश Reviewed by खबरें आजतक Live on अगस्त 09, 2023 Rating: 5

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