"लंबे समय से आरोपित बच्चों के साथ कर रहा था कुकर्म, एक सांस्कृतिक मंच से भी जुड़ा हुआ है आरोपित, न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया आरोपी"
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वाराणसी (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। वाराणसी में एक युवक की शर्मनाक करतूत सामने आई है। यहां लंका क्षेत्र के रश्मि नगर में चार बच्चों से उसने अप्राकृतिक कुकर्म किया है। एक बच्चे की मां की शिकायत पर लंका पुलिस ने गुरुवार को एनजीओ संचालक सुनील शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित पर धमकी और दलित उत्पीड़न की धाराएं भी लगाई गई हैं। महिला के अनुसार लंबे समय से आरोपित बच्चों के साथ कुकर्म कर रहा था। आरोपित एक सांस्कृतिक मंच से भी जुड़ा हुआ है। नगवां की महिला एनजीओ संचालक सुनील शुक्ला के घरेलू काम करती है। नौकरानी के बेटे के साथ उसके तीन अन्य दोस्तों को एनजीओ संचालक ने 20 जून की सुबह घर बुलाया था। सभी को कॉपी-किताब देने के लिए घर बुलाया। इसके बाद दूसरे तल पर कमरे में ले गया। सभी बच्चों की फोटो ली। इसके बाद अपने कपड़े उतार कर अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। बच्चों को डरा धमकाकर उनके साथ अप्राकृतिक कुकर्म किया। बच्चों को मोबाइल पर अश्लील वीडियो भी दिखाए। सभी बच्चे 10 से 12 साल के बीच के हैं। उसने धमकी देने के साथ ही बच्चों को जातिसूचक शब्द कहे। महिला के अनुसार इस तरह के कृत्य कई बार कर चुका है। वह नौकरानी के बेटे से और बच्चों को लाने के लिए कहता था। बच्चों से कुकर्म के आरोपी सुनील शुक्ला को पुलिस ने शुक्रवार दोपहर न्यायालय में पेश किया। वहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
आरोपी के खिलाफ बच्चों के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के साथ ही एससीएसटी का मुकदमा लिखा गया है। सुनील शुक्ला बनारस की प्रतिष्ठित संस्था सुबह-ए-बनारस का कोषाध्यक्ष होने के साथ ही जय काशी एजुकेशन ट्रस्ट का अध्यक्ष भी है। वहीं धरना प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मुकदमा लिख लिया हैं। 20 जून को घर में काम करने वाली नौकरानी के बच्चों को किताब कॉपी देने के बहाने बुलाकर सुनील शुक्ला ने घिनौनी हरकत की थी। इसकी शिकायत उसी दिन पुलिस में की गई। संकटमोचन पुलिस चौकी और दुर्गाकुंड पुलिस चौकी से लंका थाने का चक्कर लगाने के बाद भी मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। गुरुवार को नगवा इलाके में रहने वाले बच्चों के परिजनों ने लंका थाने के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू किया तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आरोपित की पहुंच ऊंची होने के कारण पुलिस पर शिकायत लटकाने का आरोप है। एनजीओ संचालक के खिलाफ शिकायत लेकर महिलाएं पहली जुलाई को संकटमोचन चौकी पहुंचीं। वहां से सभी को वापस कर दिया गया। बताया गया कि यह भेलूपुर के दुर्गाकुंड का मामला है। महिलाएं इधर-उधर भटकती रहीं। भेलूपुर थाने पर भी पहली जुलाई को पहुंचकर शिकायत कीं। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होते देख गुरुवार को लंका थाने पहुंचीं। पुलिस पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
रिपोर्ट- वाराणसी क्राइम डेस्क