"विकिपीडिया की साइनपोस्ट लेख को ट्वीट करते हुए एंडरसन ने लिखा है कि अडानी किस तरह अपनी छवि को चमकाने के लिए फेक अकाउंट का करते थे इस्तेमाल"
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नई दिल्ली (ब्यूरो)। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद संकट में घिरे अडानी समूह को लेकर एक और बड़ा खुलासा किया गया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नैट एंडरसन ने अब इंटरनेट आधारित विश्वकोष विकीपीडिया के इंडिपेंडेंट समाचार पत्र 'साइनपोस्ट' का हवाला देते हुए अडानी समूह पर नया हमला किया है। विकिपीडिया की साइनपोस्ट लेख को ट्वीट करते हुए एंडरसन ने लिखा है कि अडानी किस तरह अपनी छवि को चमकाने के लिए फेक अकाउंट का इस्तेमाल करते थे। 40 से अधिक 'साक पपिट' या अघोषित रूप से पेड राइटर्स ने अडानी परिवार और पारिवारिक व्यवसायों पर 9 लेख लिखे या संशोधित किए हैं। इनमें से कई ने कई लेखों को संपादित किया और गैर-तटस्थ सामग्री को जोड़ा है। इनसाइक्लोपीडिया विकिपीडिया ने 20 फरवरी को साइनपोस्ट के नाम से एक लेख लिखा पब्लिश किया था। इसमें आरोप लगाया कि करीब एक दशक से अडानी समूह को लेकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर बढ़ा-चढ़ाकर लिखा और कहा गया है। विकिपीडिया ने इसके लिए 'साक पपिट' का भी इस्तेमाल किया है।
दरअसल, 'साक पपिट' इंटरनेट पर सक्रिय ऐसे फर्जी अकाउंट्स को कहते हैं, जो ब्लॉग, फोरम, विकिपीडिया और फेसबुक या ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति या मुद्दे के पक्ष में जनमत तैयार करते हैं। विकिपीडिया ने आरोप लगाया है कि इन 'साक पपिट' में कुछ कंपनी के कर्मचारी भी हैं और इन्होंने गैर-तटस्थ सामग्री जोड़ने और सूचना पर विकिपीडिया की चेतावनियों को हटाने का काम किया। विकिपीडिया ने यह भी कहा कि उसने इन 'साक पपिट' को बाद में ब्लॉक कर दिया। बता दें कि अडानी की कुल संपत्ति लगातार घटती जा रही है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद वे Bloomberg Billionaires Index में तीसरे स्थान से खिसक कर 29 वें स्थान पर आ गए हैं। उनकी संपत्ति वर्तमान में 42.7 डॉलर रह गई है। अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयर लगभग 80% तक टूट गए हैं। बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने के अलावा शेल कंपनियां बनाने जैसे आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों से इनकार किया है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क