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यूपी: प्राइमरी स्‍कूलों के शिक्षकों के सामनें अब आई यें नई परेशानी, इस वजह से रुक सकती है शिक्षकों की सैलरी, आइए जानें क्या हैं पूरा मामला

"परिषदीय स्‍कूलों के शिक्षक आजकल एक नई वजह से हैं परेशान, स्‍कूल में यदि बिजली का कनेक्‍शन नहीं हुआ तो रुक जाएगी उनकी सैलरी"

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कानपुर (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन अनिवार्य कर दिया गया है। जिन स्कूलों में अब बिजली कनेक्शन नहीं होगा उनके सभी शिक्षकों का वेतन रोक लिया जाएगा। वेतन रिलीज कराने के लिए झटपट पोर्टल पर बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर उसका प्रमाण देना होगा। नगर में 1780 से अधिक परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन को लेकर कई तरह की समस्याएं हैं। जिन स्कूलों में कनेक्शन है वहां बिजली के भुगतान की मद तय नहीं है। स्कूल बिजली के बिल नहीं जमा कर पा रहा है। इसे लेकर कहीं केस्को ने कनेक्शन काट दिए हैं तो कहीं सरकारी स्कूल के नाम पर कनेक्शन नहीं काटा है। जिन स्कूलों ने कनेक्शन के लिए आवेदन किया है उसमें से कुछ लोगों ने अपनी जेब से खर्च किया है तो कुछ ने कंपोजिट ग्रांट से धनराशि दी है। बिजली का बिल अदा करने के लिए भी कोई मद नहीं है।

ग्रामीण अंचल के स्कूल अपना बिल बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेज देते हैं तो शहरी क्षेत्र के स्कूल अपने पास रखे हैं। एक शिक्षक ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले कनेक्शन लिया था। तब कोई धनराशि नहीं देनी पड़ी। अब उसकी धनराशि जोड़कर 80 हजार से अधिक का बिल आ गया है। सरकार ने इसके लिए कोई मद नहीं दिया है। जब सभी स्कूलों में कनेक्शन नहीं है तो रिकॉर्ड में दक्षिणांचल का 1.35 करोड़ और केस्को का 31.5 लाख यानी कुल1.66 करोड़ से अधिक का बकाया है। ग्रामीण अंचल के बिलों का भुगतान पंचायतों के माध्यम से किया जाता है। लेकिन 1980 से पहले का काफी बकाया है। बिजली कनेक्शन में शिक्षकों को कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। इनका कहना है कि शिक्षक के आधार के स्थान पर यूडायस कोड होना चाहिए।

रिपोर्ट- कानपुर डेस्क

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