"हमारा ध्यान समग्र संतुलन बनाए रखने खपत व संरक्षण के फायदों को बताने तथा अल्प, मध्यम व दूरगामी परिणामों को पुनः परिभाषित करने पर हो रहा हैं केन्द्रित"
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रतसर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। जैव विविधता में क्षति के कारण परिवर्तनों के साथ हमारा तालमेल बिठाने की क्षमता का ह्रास हुआ है। प्राकृतिक एवं पारिस्थितिक तन्त्र के निकट बसे लोगों में जैव विविधता क्षति के बारे में अज्ञानता के कारण यह समस्या अधिक बढ़ जाती है। अब हमारा ध्यान समग्र संतुलन बनाए रखने खपत व संरक्षण के फायदों को बताने तथा अल्प, मध्यम व दूरगामी परिणामों को पुनः परिभाषित करने पर केन्द्रित हो रहा है। उक्त बाते स्थानीय दुलेश्वरी सुखदेव (डीएस) मेमोरियल गर्ल्स डिग्री कालेज सुहवां में शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिवस के द्वितीय सत्र में बौद्धिक कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य वक्ता डा० चन्दन कुमार ने "पारिस्थितिक परिवर्तन एवं स्वास्थ्य समस्याएं" विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कही। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना एवं लक्ष्य गीत से हुआ। स्वयं सेविकाओं ने महाविद्यालय परिसर से रतसर कला राजभर बस्ती तक एक स्वास्थ्य जागरुकता रैली निकाली, जिसके द्वारा लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया एवं भ्रमण के दौरान उन्हें प्राथमिक चिकित्सा संबन्धी आवश्यक जानकारियां भी दी। इस अवसर पर महा विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं शिक्षणेतर कर्मचारीगण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी लाल साहब पटेल ने किया।
रिपोर्ट- संवाददाता अभिषेक कुमार पाण्डेय