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यूपी पंचायत चुनाव 2021: हाईकोर्ट द्वारा फाइनल लिस्ट रोकें जानें से गांवों फिर बढ़ी हलचल, मायूस प्रत्याशी फिर से मैदान में, जानें क्या चल रहा माहौल

"पंचायत चुनाव के लिए सभी पदों के आरक्षण और इन पदों की सीटों के आवंटन की फाइनल लिस्ट का प्रकाशन हाईकोर्ट द्वारा रोके जाने के फरमान के बाद ग्रामीण इलाकों में कहीं खुशी कहीं गम का माहौल"

खबरें आजतक Live
लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी में होने जा रहे पंचायत चुनाव के लिए सभी पदों के आरक्षण और इन पदों की सीटों के आवंटन की फाइनल लिस्ट का प्रकाशन हाईकोर्ट द्वारा रोके जाने के फरमान के बाद ग्रामीण इलाकों में कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है। तय कर दिए गए आरक्षण को अपने अनुकुल पाकर जिन भावी प्रत्याशियों, उनके कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने चुनाव जीतने के लिए धुंआधार प्रचार शुरू कर दिया था। उनके खेमों में मायूसी और फिक्र का माहौल है, मगर इस आरक्षण से चुनाव लड़ने से वंचित ऐसे लोग जो काफी पहले से तैयारी कर रहे थे। हाईकोर्ट के शुक्रवार को जारी आदेश ने उनके खेमों में खुशी और उम्मीद पैदा कर दी है। बीतें 2 व 3 मार्च को जारी हुई आरक्षण और सीटों के आवंटन की पहली लिस्ट के प्रकाशन के बाद अपने मुताबिक सीट आरक्षित हो जाने से खुश भावी प्रत्याशियों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी मगर ग्राम प्रधान, ग्राम-क्षेत्र-जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष पद के इन भावी प्रत्याशियों के जुड़े हुए हाथ हाईकोर्ट के इस नये फरमान से कांप उठे। वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए इन भावी उम्मीदवारों ने चुनाव शुरू होने से पहले ही मजरे-मजरे, गांव-गांव समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ जन सम्पर्क शुरू कर दिया था। गाड़ियों के काफिले घूमने लगे थे। वोटरों को रिझाने के लिए उनकी जरूरतों को हर सम्भव पूरा करने के लिए पैसा, शराब, गाड़ी, चाय नाश्ते से लेकर खाना-पीना सब मुहैया करवाया जा रहा था।

समर्थकों और कार्यकर्ताओं पर भावी प्रत्याशी खुले दिल से खर्च कर रहे थे। मगर अचानक अदालत के नये आदेश ने इन सब पर ब्रेक लगा दी। अब सबको सोमवार को होने वाली अदालती सुनवाई का बेसब्री से इंतजार है। बलिया जनपद के विकासखंड नवानगर अन्तर्गत ग्रामसभा सिवानकला मे आरक्षण की पहली लिस्ट जारी होने के बाद उक्त सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित हो जाने से ग्राम प्रधान पद के दावेदार प्रत्याशी कई पुराने धुरंधर डॉ जितेन्द्र गुप्ता, सत्येन्द्र राजभर, राजेन्द्र राजभर, तारिक अजीज, सुनिल कुमार गुप्ता, अभयचन्द गुप्ता समेत गांव के कई दिग्गज दावेदार मायूस हो गये थे। ऐसे मे सिवानकला ग्रामसभा मे कई मायूस दावेदारों ने एससी वर्ग के लोगों को अपना प्रत्याशी बनाकर अपनी अपनी चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं, लेकिन हाईकोर्ट के ताजा आदेश ने कहीं न कहीं उनके मन मे फिर से एक छोटी सी उम्मीद की एक किरण जगा दी है। वहीं ग्राम पंचायत सिवानकला मे ग्रामप्रधान सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद चुनावी ताल ठोकने को तैयार छोटेलाल राम, अखिलेश राम, मनोज राम, लल्लन कनौजिया, सुनील कनौजिया, डॉ मुन्ना, रविकांत राम, मोहित कुमार समेत अन्य संभावित प्रत्याशियों ने खुशी खुशी गांवों मे अपना जनसम्पर्क भी शुरू कर दिया था, मगर हाईकोर्ट के आदेश ने कहीं न कहीं उनकी चिंता बढ़ा दी है।

रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क

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