यूपी पंचायत चुनाव 2021: होली के बहाने मय से मयखाने तक मतदाताओं को लुभाने में जुटे दावेदार प्रत्याशी, लेकिन आड़े आ रहा आबकारी का ये नियम
"आरक्षण को लेकर तस्वीर साफ होने के बाद ग्राम प्रधान, बीडीसी से लेकर जिला पंचायत सदस्य पद के दावेदार जीत हासिल करने के लिए चला रहें हर पैतरा"
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दावेदारों को थोक रेट में चाहिए शराब-
ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों के लिए वोट सहेजने के लिए होली प्रमुख माध्यम है। ऐसे में दावेदार शराब कारोबारियों से थोक रेट में शराब की मांग कर रहे हैं। पीपीगंज के एक शराब कारोबारी कहते हैं कि अब एक-एक बोतल शराब का हिसाब रखना होता है। लेकिन दावेदार पेटी की मांग कर रहे हैं। वो भी थोक रेट में। वैसे चुनाव को लेकर कच्ची की भट्ठियां भी धधकने लगी हैं, लेकिन कस्बों और शहर से सटे गांवों में अंग्रेजी और बीयर की मांग बढ़ गई है।
खरीद कर घर में रख सकते हैं इतनी शराब-
देशी मदिरा-1.5 लीटर मसाला और 1.5 लीटर सादा यानी कुल 3 लीटर तथा अंग्रेजी शराब-6 लीटर और बीयर-7.8 लीटर ही शराब घर मे रख सकते हैं। वहीं वीपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी के अनुसार पंचायत चुनाव को देखते हुए कच्ची शराब के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर भट्ठियों को तोड़ा जा रहा है। मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। गांव में चौकीदारों और आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर के साथ समन्वय बिठाकर निगरानी कर रहे हैं। तय लिमिट से अधिक शराब बेचना और खरीदना दोनों गलत है। जो भी इसकी अनदेखी करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट- गोरखपुर डेस्क

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