"बेपटरी हो चुकी जिले की कानून व्यवस्था के बीच कांटों भरी होगी विपिन टांडा की राह, इन विषम परिस्थितियों में उनके तेवर अगर काम कर गए तो फिर बागी बलिया की धरती का जर्रा जर्रा देगा उन्हें सलामी"
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बलिया (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। जिले में नवागत पुलिस अधीक्षक के तेवर क्या गुल खिलाएंगे यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन इतना तय है कि बेपटरी हो चुकी जिले की कानून व्यवस्था के बीच उनकी राह कांटों भरी ही होगी और इन विषम परिस्थितियों में उनके तेवर अगर काम कर गए तो फिर बागी बलिया की धरती का जर्रा जर्रा उन्हें सलामी जरूर देगा। यह कहना गलत ना होगा कि अमरोहा से बलिया आए पुलिस अधीक्षक बिपिन टांडा अपने सख्त तेवर को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं। श्री टांडा 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर शहर के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि बिपिन टांडा एमबीबीएस भी हैं। पिता मच्छी राम पेशे से वकील है। आईपीएस बनने के बाद वह अपने सख्त रवैया के लिए जाने जाते हैं। अपने काम और जिम्मेदारी को लेकर वह ट्रेनिंग के दौरान से ही काफी गंभीर रहे हैं। वह रामपुर के भी कप्तान रहे हैं।
उस दौरान उन्होंने एक व्यापारी का अपहरण कर फिरौती के मामले का महज कुछ ही दिनों में खुलासा कर दिया था, जिसके बाद उनकी काफी तारीफ हुई थी और वह सुर्खियों में आए थे। 36 वर्षीय डॉ विपिन टांडा इनामी बदमाशों को सलाखों के पीछे भेजने और जिले के कानून व्यवस्था को कायम रखने के उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित भी किए जा चुके हैं और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी पीठ थपथपा चुके हैं। उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया जा चुका है। बलिया जनपद के परिप्रेक्ष्य में देखें तो लगातार हत्याओं के बाद तत्कालीन एसपी देवेंद्र नाथ की काफी किरकिरी हुई थी और माना जा रहा है कि इसी के चलते उनका तबादला भी हुआ। ऐसे में यहां के लोगों को नवागत एसपी बिपिन टांडा से काफी अपेक्षाएं हैं। बलिया जनपद की विशेषता रही है कि अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को यहां की जनता विशेष सम्मान देती है और श्री टांडा अगर इसमें खरे उतरते हैं तो राजनीतिक रूप से समृद्ध इस जिले के लिए यह बहुत ही बड़ी बात होगी।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय