"जब तक मानव मूल्य अस्तित्व कायम रहेगा तब तक उनके आदर्श रहेंगे प्रासंगिक, स्वतंत्रता- संग्राम में अग्रणी भूमिका का निर्वाह करने के कारण ही उन्हें दी गई थी "लौहपुरुष" की संज्ञा"
रतसर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। स्थानीय कस्बा क्षेत्र स्थित किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय रकसा रतसर-बलिया में दिनांक- 31/10/2020 दिन शनिवार को वाल्मीकि जयंती एवं सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (राष्ट्रीय एकता दिवस) के अवसर पर महाविद्यालय- सभागार में एक विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी का प्रारम्भ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ०अशोक कुमार सिंह के कर-कमलों द्वारा महर्षि वाल्मीकि व सरदार वल्लभभाई पटेल के छायाचित्र पर पुष्पार्चन से हुआ। डॉ० अभय नाथ सिंह ने वाल्मीकि जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महर्षि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य में उल्लिखित श्रीराम के आदर्श मात्र कोविड-19 काल में ही प्रासंगिक नहीं है अपितु जब तक मानव मूल्य अस्तित्व कायम रहेगा तब तक उनके आदर्श प्रासंगिक रहेगा। खबरें आजतक Live
डॉ०अनिल कुमार पाण्डेय ने अपने संबोधन में सरदार वल्लभ भाई पटेल के राजनीतिक क्रिया- कलापों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता- संग्राम में अग्रणी भूमिका का निर्वाह करने के कारण ही उन्हें "लौहपुरुष" की संज्ञा दी गई। डॉ० रूदल कुमार सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल के राजनीतिक कैरियर पर व्यापक प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ० अशोक कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में पटेल की सक्रिय भागीदारी का उल्लेख किया।वक्ताओं में क्रम से विकास सिंह, अमित कुमार पाण्डेय, अनिल कुमार यादव, राजेश यादव, सुभाष विश्वम्भर, संजय कुमार शुक्ल, भारत भूषण सिंह, रजनीश शर्मा, डॉ० बीना पाण्डेय, डॉ० शारदा यादव, श्रीमती कुसुम आदि ने अपने- अपने विचार रखे। इस अवसर पर शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक/सेविकाएं भी उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकश्वर पाण्डेय