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बृजेश दूसरी शादी करने के लिये बारात के साथ आया था। न्यायपीठ बाल कल्याण समिति ने बालिका के बाबा के आवेदन पत्र पर त्वरित कार्यवाही करते हुए थानाध्यक्ष बासडीह रोड को नाबालिक होने की दशा में विवाह रोकने का आदेश दिया। साथ ही चाईल्ड लाईन, जिला बाल संरक्षण ईकाई, महिला शक्ति केंद्र बलिया को बालिका के घर जाकर काउंसलिंग करने का निर्देश दिया। शादी के दिन सभी टीम बालिका के घर पहुंची और बालिका के साथ ही परिवार की काउंसलिंग की। टीम ने बताया कि 18 साल पूरा होने के बाद ही बालिका का विवाह वैध है। बालिका के माता पिता न्यायपीठ के समक्ष प्रस्तुत होकर शपथ पत्र दिये कि बालिका की उम्र 18 साल होने के बाद ही शादी करेंगे।
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सभी टीम के प्रयास से जिले में इस सप्ताह दूसरी बालिका बधू होने से बच गयीं। इससे पहले 22 जून को एक बाल विवाह पकड़ी थाना क्षेत्र के रक्सा गांव में समिति के आदेश से रुका था। बाल विवाह रोकने में थानाध्यक्ष बांसडीहरोड, न्यायपीठ के अध्यक्ष/सदस्य प्रशांत पाडेय, राजू सिंह, अनिता तिवारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज, संरक्षण अधिकारी विनोद सिंह, महिला कल्याण अधिकारी पूजा सिंह, चाईल्ड लाईन से कमल किशोर चौबे, गनेश गुप्ता, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, रामविलास राम आदि का प्रयास सराहनीय रहा।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय