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बलिया: इस सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, मचा कोहराम, बेटी की शहनाई बजने की जगह घर से निकली इस पिता की अर्थी


बेल्थरा रोड (बलिया) विधि के विधान एवं काल के क्रूरतम खेल से बेटी की शहनाई बजने की जगह घर से पिता की अर्थी निकली। पत्नी, बेटी व परिजनों के करुण क्रंदन से उपस्थित जन समुदाय की आंखें भी नम हो गई और वातावरण गमगीन हो गया। भीमपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बनकटा गांव का जर्रा जर्रा सिसकियां लेने लगा जब शनिवार की दोपहर 12:30 बजे गांव के लाल व सीआरपीएफ  के जवान का शव पहुंचा। परिवार में कोहराम मच गया। जवान की पत्नी मीना देवी और बेटी रेनू का रोते-रोते बुरा हो गया। 

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मेजर अनूप सिंह की देखरेख में जवान को सलामी दी गई। इस दौरान थानाध्यक्ष भीमपुरा शिव मिलन समेत पुलिस के जवान मौजूद रहे। सैकड़ों की संख्या पहुंचे लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे। उनकी अंत्येष्टि दोहरीघाट की स्थित सरयू नदी के तट पर की गई। मुखाग्नि उसके पुत्र राहुल ने दी। उक्त जवान गुरुवार की रात ड्यूटी के बाद लौट रहा था इसी बीच टाटा जमशेदपुर में तेज आंधी और तूफान से बस खाई में पलट गई जिसमें उक्त जवान की मौत हो गई। मृतक महेंद्र यादव पुत्र पूजन यादव पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। 


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उनके छोटे भाई देवेंद्र यादव की मौत कुछ वर्ष पूर्व हो गई थी। तीसरे नंबर के नगेन्द्र यादव सीआर पी एफ जवान व उनसे छोटे दिनेश यादव आईटीआई के अध्यापक हैं। सबसे छोटे भाई उमेश यादव पुलिस में सेवा दे रहे हैं। मृतक महेंद्र यादव ने वर्ष 1988 में सीआरपीएफ ज्वाइन किये थे। 23 मई को उसकी बेटी रेनू की शादी होने वाली थी लेकिन कोविड-19 की वजह से लाकडाउन होने पर स्थगित कर दी गई थी। उक्त जवान की तीन संतानों में सबसे छोटी चौदह वर्षीय रागिनी है।


रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय

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