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लग्न कुंडली के अनुसार कौन से भाव का पहनना चाहिए रत्न, आइए जानें लग्न के अनुसार कौन सा रत्न होता हैं शुभ रत्न, इन्हें कब और कैसे करें धारण

"रत्न सबके लिए नहीं होते, वे सुंदरता की वस्तु न होकर प्राणवान ऊर्जा के स्रोत के रूप में करतें हैं कार्य, लेकिन उनका चयन करें अपने लिए अपने लग्न की राशि के अनुसार"

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नई दिल्ली (ब्यूरो)। लग्न कुंडली के अनुसार लग्न भाव, पंचम भाव और नवम भाव के रत्न पहने जा सकते हैं, जो ग्रह शुभ भावों के स्वामी होकर पाप प्रभाव में हो, अस्त हो या श‍त्रु क्षेत्री हो उन्हें प्रबल बनाने के लिए भी उनके रत्न पहनना प्रभाव देता है। जो ग्रह शुभ होने के साथ कमजोर है। उन्हें रत्न द्वारा बल दिया जाता है और जो ग्रह कुंडली में अशुभ है, जैसे 3, 6, 8, 12 भाव के स्वामी ग्रहों के रत्न नहीं पहनने चाहिए। इनको शांत रखने के लिए ज्योतिषी उपाय किया जाता है। रत्न पहनने के लिए दशाव महादशाओं का अध्ययन भी जरूरी है। केंद्र या त्रिकोण के स्वामी की ग्रह महादशा में उस ग्रह का रत्न पहनने से अधिक लाभ मिलता है। आप को रत्न के अनुसार उस ग्रह के लिए निहित वार वाले दिन शुभ घड़ी में रत्न पहना जाता है। पहनने से पहले रत्न को मंत्र जाप करके रत्न को सिद्ध करें, तत्पश्चात इष्ट देव का स्मरण कर रत्न को धूप, दीप व दिया जलाकर उसे प्रसन्न मन से धारण करें। रत्न सबके लिए नहीं होते। वे सुंदरता की वस्तु न होकर प्राणवान ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। लेकिन उनका चयन अपने लिए अपने लग्न की राशि के अनुसार करना चाहिए। अन्यथा प्रतिकूल रत्न किसी भी सीमा तक प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। रत्न बड़े प्रभावशाली होते हैं। यदि लग्नेश व योगकारक ग्रहों के रत्नों को अनुकूल समय में उचित रीति से जाग्रत कर धारण किया जाए तो वांछित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। रत्न विशेष की अंगूठी निर्धारित धातु में बनवाकर धारण करने से विशेष लाभ होता है। आइए जानें लग्न के अनुसार कौन सा रत्न शुभ रत्न होता हैं।।

मेष:
इस लग्न वाले जातकों का अनुकूल रत्न मूंगा है, जिसको शुक्ल पक्ष में किसी मंगलवार को मंगल की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर सोने में अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ भौं भौमाय नमः लाभ- मूंगा धारण करने से रक्त साफ होता है और रक्त, साहस और बल में वृद्धि होती है, महिलाओं के शीघ्र विवाह में सहयोग करता है। प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाता है। बच्चों में नजर दोष दूर करता है। वृश्चिक लग्न वाले भी इसे धारण कर सकते हैं।


वृष:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न हीरा तथा राजयोग कारक रत्न नीलम है। हीरा को शुक्ल पक्ष में किसी शुक्रवार को शुक्र की होरा में जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ शुं शुक्राय नमः लाभ- हीरा धारण करने से स्वास्थ्य व साहस प्रदान करता है। समझदार बनाता है। शीघ्र विवाह कराता है। अग्नि भय व चोरी से बचाता है। महिलाओं में गर्भाशय के रोग दूर करता है। पुरुषों में वीर्य दोष मिटाता है। कहा गया है कि पुत्र की कामना रखने वाली महिला को हीरा धारण नहीं करना चाहिए अतः वे महिलाएं जो पुत्र संतान चाहती हैं या जिनके पुत्र संतान है। उन्हें परीक्षणोपरांत ही हीरा धारण करना चाहिए। इसे तुला लग्न वाले जातक भी धारण कर सकते हैं।


मिथुन:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न पन्ना है, जिसे बुधवार को बुध की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर पहनना चाहिए। मंत्र- ऊँ बुं बुधाय नमः लाभ- पन्ना निर्धनता दूर कर शांति प्रदान करता है। परीक्षाओं में सफलता दिलाता है। खांसी व अन्य गले संबंधी बीमारियों को दूर करता है। चंचल को शांत करता है। इसके धारण करने से एकाग्रता विकसित होती है। काम, क्रोध आदि मानसिक विकारों को दूर करके अत्यंत शांति दिलाता है। कन्या लग्न वाले जातक भी इसे धारण कर सकते हैं।


कर्क:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न मोती है जिसे सोमवार के दिन प्रातः चंद्र की होरा में पहनना चाहिए। पहनने के पहले रत्न को इस मंत्र से अवश्य जाग्रत कर लेना चाहिए। मंत्र- ऊँ सों सोमाय नमः लाभ- मोती धारण करने से स्मरण शक्ति प्रखर होती है। बल, विद्या व बुद्धि में वृद्धि होती है। क्रोध व मानसिक तनाव शांत होता है। अनिद्रा, दांत व मूत्र रोग में लाभ होता है। पुरुषों का विवाह शीध्र कराता है तथा महिलाओं को सुमंगली बनाता है। इस लग्न वाले यदि मूंगा भी धारण करें तो अत्यंत लाभ देता है। क्योंकि मूंगा इस लग्न वाले व्यक्ति का राजयोग कारक रत्न होता है।


सिंह:
इस लग्न वाले जातकों का अनुकूल रत्न माणिक्य है। इसे रविवार को प्रातः रवि की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ घृणि सूर्याय नमः लाभ- माणिक्य धारण करने से साहस में वृद्धि होती है। भय, दुःख व अन्य व्याधियों का नाश होता है। नौकरी में उच्चपद व प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। अस्थि विकार व सिर दर्द की समस्या से निजात मिलती है। इस लग्न वाले व्यक्ति यदि मूंगा भी धारण करें तो अत्यंत लाभ देता है। क्योंकि इस लग्न वाले व्यक्ति का मूंगा राजयोग कारक रत्न होता है।


कन्या:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न पन्ना है जिसे बुधवार को बुध की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर पहनना चाहिए। मंत्र- ऊँ बुं बुधाय नमः। इस लग्न के लिए पन्ना, हीरा व नीलम रत्न शुभ होता है।


तुला:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न हीरा तथा राजयोग कारक रत्न नीलम है। हीरा को शुक्ल पक्ष में किसी शुक्रवार को शुक्र की होरा में जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ शुं शुक्राय नमः।


वृश्चिक:
इस लग्न वाले जातकों का अनुकूल रत्न मूंगा है, जिसको शुक्ल पक्ष में किसी मंगलवार को मंगल की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर सोने में अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ भौं भौमाय नमः।


धनु:
इस लग्न वाले जातकों का अनुकूल रत्न पुखराज है, जिसे शुक्ल पक्ष के किसी गुरुवार को प्रातः गुरु की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नमः लाभ:। पुखराज धारण करने से बल, बुद्धि, ज्ञान, यज्ञ व मान-सम्मान में वृद्धि होती है। पुत्र संतान देता है। पापकर्म करने से बचाता है। अजीर्ण प्रदर, कैंसर व चर्मरोग से मुक्ति दिलाता है।


मकर:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न नीलम है, जिसे शनिवार के दिन प्रातः शनि की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराये नमः। नीलम धारण करने से धन, सुख व प्रसिद्धि में वृद्धि करता है। मन में सद्विचार लाता है। संतान सुख प्रदान करता है। वायु रोग, गठिया व हर्निया जैसे रोग में लाभ देता है। नीलम को धारण करने के पूर्व परीक्षण अवश्य करना चाहिए। नीलम धारण करने से पूर्व कुशल ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।


कुंभ:
इस लग्न वाले जातकों के लिए अनुकूल रत्न नीलम है जिसे शनिवार के दिन प्रातः शनि की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराये नमः। नीलम धारण करने से धन, सुख व प्रसिद्धि में वृद्धि करता है।


मीन:
इस लग्न वाले जातकों का अनुकूल रत्न पुखराज है, जिसे शुक्ल पक्ष के किसी गुरुवार को प्रातः गुरु की होरा में निम्न मंत्र से जाग्रत कर धारण करना चाहिए। मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।

ज्योतिष, वास्तु एवं रत्नों से जुड़ें जटिल समस्याओं व उचित परामर्श के लिए ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा से 8080426594 व 9545290847 पर सम्पर्क कर समस्याओं से निदान व उचित परामर्श प्राप्त कर सकतें हैं।

रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क

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